Wednesday, April 30, 2014

तेरे जाने के बाद.....

मैं नही जानता क्या हैं जहन में मेरे, मगर कुछ फीका फीका सा हैं...
तेरे जाने के बाद.....
मुझे नही मालूम तूने छोड़ा मुझे या मैंने तुझे, पर लगता है कुछ खो गया...
तेरे जाने के बाद.....
दिल का बाग़ था गुलजार, रंग, खुश्बू और बहार से, अब बस पतझड़ का मौसम हैं...
तेरे जाने के बाद.....
बड़े अरमान सजाये थे ज़िन्दगी में अपने, सब कुछ बिखर गया...
तेरे जाने के बाद.....
टूट कर चाहा तुझे पर बता न सका, आज सिर्फ यही गिला हैं...
तेरे जाने के बाद.....
सफ़र, हमसफ़र, दर्द, हमदर्द, मोहब्बत और इश्क, सब कुछ जैसे एक मजाक हैं...
तेरे जाने के बाद.....
कोई और न आ सकेगा इस दिल के कभी करीब, भरोसा ही उठ गया हैं, भरोसे से...
तेरे जाने के बाद.....
तू खुश रहे, आबाद रहे, कामयाब रहे, बस यही आखरी दुआ है, तेरे जाने के बाद...
तेरे जाने के बाद..... तेरे जाने के बाद..... 

Monday, April 28, 2014

जब सज्जन लोग जरूरत से ज्यादा सरल हो जाते हैं, 
तब समाज में दुष्ट लोगों की वृद्धि होने लगती है...